आज पूरा एक महीना हो गया जब मुझे पैरालिसिस का दूसरा अटैक हुआ था। एक हफ़्ते तक तो मैंने किसी को बताया ही नहीं। मुझे लग रहा था कि मैं ऐसे ही ठीक हो जाऊंगा। एक हफ़्ते बाद मेरी बहिन का फ़ोन आया तो मैंने बताया। डॉक्टर ने कहा कि अब तो कुछ नहीं हो सकता, उसी समय बताते तो ठीक हो जाता। अभी मैं दवा दे रहा हूं जिससे ये और ज़्यादा नहीं होगा, जितना है उतने तक ही रहेगा, बाक़ी भगवान की मज़ी। आपको मालूम है कि भगवान को तो मैं मानता नहीं। तो चारा यह बचा कि या तो घिसटने-मरने के लिए तैयार हो जाओ या अपने ऊपर विश्वास करो। इस दौरान मैं एक हाथ से शायरी वगैरहा लिख-लिख कर फ़ेसबुक, ट्विटर एवं पिंटरेस्ट पर लगाता पर लगाता रहा।
अब मैं 90 प्रतिशत ठीक हो चुका हूं। पहला अटैक तक़रीबन डेढ़-दो साल पहले हुआ था। उसपर भी लिखूंगा।
अभी इतना ही।
अब मैं 90 प्रतिशत ठीक हो चुका हूं। पहला अटैक तक़रीबन डेढ़-दो साल पहले हुआ था। उसपर भी लिखूंगा।
अभी इतना ही।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सरदार हरि सिंह नलवा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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