लड़के को मैं भली-भांति जानता था, इसलिए उसके भोलेपन और मासूमियत का मुझे अंदाज़ा था। तबियत भी ख़राब रहती थी उसकी, लेकिन वो रसोई के काम बिना किसी मेल ईगो को बीच में लाए कर देता था। उसकी ऐसी ईगो दूसरे कुछ मामलों में ज़रुर देखने को मिलती थी। उसकी बहिनों के ब्वॉय-फ्रेंडस् थे, उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी। मेरे मन में एक कसक-सी उठती थी जब मैं अपनी एक झलक, पूरी तो नहीं, मैं तो बहुत विद्रोही रहा हूं, कुछ-कुछ उसमें देखता था, मुझे उसके भविष्य की चिंता होने लगती थी। मैंने उसकी बहिनों से पूछा तो उन्होंने बताया कि एक लड़की इस में बहुत इंट्रेस्टेड है, पर यह उसे भाव नहीं देता।
मैंने एक दिन अकेले में उससे इस बारे में बात की, उसने कहा कि ‘लड़कियां झूठ बोलतीं हैं, चुगली लगातीं हैं, एक-दूसरे में लड़ाई करवा देतीं हैं.....
मेरे पास दो रास्ते थे, एक-कि उससे कहूं कि लड़कियां बहुत महान होतीं हैं, उनका सम्मान करना चाहिए, उनसे सीखना चाहिए.....
पर मैंने दूसरी, अपने अनुभव के अनुसार सच्ची और व्यवहारिक बात कही क्योंकि मुझे लगा कि लड़के की शिक़ायतें बिलकुल ग़लत भी नहीं हैं......
मैंने कहा कि चुगलियां तो लड़के भी करते हैं, झगड़े भी करते-कराते हैं, जब ऐसे लड़कों से दोस्ती में कोई दिक्क़त नहीं है तो लड़कियों से क्यों.....
बात बन गई थी। बाद में मुझे पता चला कि लड़के की दोस्ती उसी लड़की से हो गई थी।
बाद में कई साल मैं उनसे मिला नही, मौक़ा ही नहीं मिला, वरना क्या पता मुझे उनसे ईर्ष्या होने लगती।
-संजय ग्रोवर
21-06-2018
मैंने एक दिन अकेले में उससे इस बारे में बात की, उसने कहा कि ‘लड़कियां झूठ बोलतीं हैं, चुगली लगातीं हैं, एक-दूसरे में लड़ाई करवा देतीं हैं.....
मेरे पास दो रास्ते थे, एक-कि उससे कहूं कि लड़कियां बहुत महान होतीं हैं, उनका सम्मान करना चाहिए, उनसे सीखना चाहिए.....
पर मैंने दूसरी, अपने अनुभव के अनुसार सच्ची और व्यवहारिक बात कही क्योंकि मुझे लगा कि लड़के की शिक़ायतें बिलकुल ग़लत भी नहीं हैं......
मैंने कहा कि चुगलियां तो लड़के भी करते हैं, झगड़े भी करते-कराते हैं, जब ऐसे लड़कों से दोस्ती में कोई दिक्क़त नहीं है तो लड़कियों से क्यों.....
बात बन गई थी। बाद में मुझे पता चला कि लड़के की दोस्ती उसी लड़की से हो गई थी।
बाद में कई साल मैं उनसे मिला नही, मौक़ा ही नहीं मिला, वरना क्या पता मुझे उनसे ईर्ष्या होने लगती।
-संजय ग्रोवर
21-06-2018
seeche sachhei saral baat padh kar achchha laga
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अपर्णा जी.
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